हवायें सारी रात खिड़कियाँ खड़खडाती रही
मेरी आँखों से तेरी याद मेरी नींदें चुराती रही...
उठा कर उनींदी पलकें,चाँद को ताकते पाया,
चाँदनी कहानी मेरी, सितारों को सुनाती रही...
झील के ठहरे हुए पानी सा थम गया वक़्त,
दूर कहीं कोई माँ, बच्चे को लोरी सुनाती रही...
हौले-हौले मोती बन के उतर आयी तेरी याद,
बन के आँसू मेरी आँखों में समाती रही........
-रोली....
मेरी आँखों से तेरी याद मेरी नींदें चुराती रही...
उठा कर उनींदी पलकें,चाँद को ताकते पाया,
चाँदनी कहानी मेरी, सितारों को सुनाती रही...
झील के ठहरे हुए पानी सा थम गया वक़्त,
दूर कहीं कोई माँ, बच्चे को लोरी सुनाती रही...
हौले-हौले मोती बन के उतर आयी तेरी याद,
बन के आँसू मेरी आँखों में समाती रही........
-रोली....
Bahut Khoob Roli ji...Kitni gehraai hai is mein...Beautiful !!!
ReplyDeleteयशवंत जी व् मेरे अनाम मित्र......शुक्रिया आपका |
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