निराशा की जगह संभावनाएं तलाशें
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किसी भी देश की प्रगति व् एकता के लिए एक राष्ट्रभाषा का होना आवश्यक है, जिसमे राजकार्य हो, बहुसंख्यक लोग एक-दूसरे से बातचीत में जिसका इस्तेमाल करें ।
हिन्दी हमारे देश भारत में राज-काज की भाषा है । आज हमारी इस राष्ट्रभाषा की प्रतिद्वंदी भाषा है - अंग्रेजी । सरकारी कामकाज भले ही हिंदी में करने का व् होने का दम भरा जाता हो, किन्तु ऐसा होता नहीं है।
पढाई का स्तर भी माध्यम से ही आँका जाता है, यदि बच्चा अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ रहा है तो उच्च स्तर अन्यथा निम्न । अभिभावक भी मजबूर हैं, देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से व् ना केवल विदेशों में बल्कि अपने ही देश में अंग्रेजी भाषा का स्तरीय ज्ञान आवश्यक हो गया है ।
किसी भी विदेशी ज्ञान का होना निंदनीय नहीं बल्कि यह तो अच्छी बात है किन्तु उस भाषा का गुलाम होना अनुचित है । वर्तमान में यह स्थिति है कि लोगों की हिंदी बोलचाल तक ही सीमित रह जाती है, यदि लिखना भी पड़े तो उसका स्तर बहुत ही निम्न होता है, वहीँ उनका अंग्रेजी भाषा का ज्ञान उच्च कोटि का होता है । अपने ही देश में अपनी राष्ट्रभाषा से यह भेदभाव कष्टदायक है, इससे भी अधिक कष्टप्रद है हिंदी भाषा का बिगडा हुआ रूप - हिंगलिश ।
इस नैराश्य वातावरण में भी ऐसे बहुत लोग मिलेंगे जो हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में सदैव जुटे रहते हैं । लोगों में अपनी मात्रभाषा के प्रति प्रेम की अलख जगाते रहते हैं । तकनीक जितनी अधिक विकसित हो रही है संभावनाएं भी उतनी ही बढ़ रही हैं । आज ना केवल कम्पूटर की बोर्ड हिंदी में आ रहा है, बल्कि ई-मेल आदि भी हिंदी में भेजे जा रहे हैं । मोबाइल फोन पर भी हिंदी के अक्षर पढ़े व् लिखे जा सकते हैं । इंटरनेट के जरिये ना केवल भारत देश में बल्कि सुदूर प्रवासी भारतीयों भी हिंदी भाषा लिखने-पढ़ने के प्रति रुझान बढ़ा है , संभवतः ये सकारात्मक संकेत हैं हिंदी के उज्जवल भविष्य के ।
टीवी ने हिंदी को जन-जन तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है। समाचार, सीरियल्स, गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रमों ने जनमानस पर हिंदी के महत्व की छाप छोड़ी है ।
सार यही है - किसी भी विदेशी भाषा का ज्ञान होना गलत नहीं, किन्तु अपनी मात्रभाषा का सम्मान ना करना गलत है । गलत व् टूटी-फूटी अंग्रेजी बोल कर किसी को प्रभावित करने से लाख गुना बेहतर है , शुद्ध व् स्तरीय हिंदी बोली जाये । अपनी मात्रभाषा का अधिकाधिक उपयोग हमें सदैव गौरान्वित करेगा व् विदेशों में भी सम्मान दिलाएगा । हिंदी का अधिकतम प्रचार-प्रसार करें ।
हिंदी दिवस पर आप सभी को
हार्दिक शुभकामनायें |
💐
- रोली पाठक

Comments

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में रविवार 15 सितम्बर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा जी। आभार।

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