सत्य की राह....
सत्य की बड़ी कठिन डगर है....
चलना उस पर, अति दूभर है...
राह में कंटक पड़े हैं देखो,
जेठ महीने सी दोपहर है...
सत्य की बड़ी कठिन डगर है...
झूठ खड़ा मुसकाय हर डग,
हमको बड़ा लुभाय हर डग,
फूल-ही-फूल बिछाय हर पग,
सत्य तो बरपाए कहर है...
सत्य की, बड़ी कठिन डगर है...
झूठ दिलाये जीवन में सुख
सत्य की राह में बहुत हैं दुःख
धन-दौलत और ऐशो-आराम....
झूठ के दूजे हैं उपनाम...
सत्य की चादर फटी हुई है...
थाली में सूखी रोटी है...
सत्य की, बड़ी कठिन डगर है....
किन्तु,
मिले जीत कंटक पे चल कर..
पाऊँ मंजिल सूर्य में तप कर...
जलती धरा पे पाँव जला कर...
सत्य को अपने ह्रदय लगा कर...
चलता चलूँ सत्य के पथ पर...
भले सत्य की, कठिन डगर है...
बने सूर्य शीतल जलधारा...
राह के कंटक करें किनारा...
जेठ महीना लगे सावन है...
सत्य का अंत बड़ा पावन है....
राह कठिन तो क्या होता है,
अंत में झूठ करे क्रंदन है...
डगर सत्य की ही जीवन है...
डगर सत्य की ही जीवन है...
चलना उस पर, अति दूभर है...
राह में कंटक पड़े हैं देखो,
जेठ महीने सी दोपहर है...
सत्य की बड़ी कठिन डगर है...
झूठ खड़ा मुसकाय हर डग,
हमको बड़ा लुभाय हर डग,
फूल-ही-फूल बिछाय हर पग,
सत्य तो बरपाए कहर है...
सत्य की, बड़ी कठिन डगर है...
झूठ दिलाये जीवन में सुख
सत्य की राह में बहुत हैं दुःख
धन-दौलत और ऐशो-आराम....
झूठ के दूजे हैं उपनाम...
सत्य की चादर फटी हुई है...
थाली में सूखी रोटी है...
सत्य की, बड़ी कठिन डगर है....
किन्तु,
मिले जीत कंटक पे चल कर..
पाऊँ मंजिल सूर्य में तप कर...
जलती धरा पे पाँव जला कर...
सत्य को अपने ह्रदय लगा कर...
चलता चलूँ सत्य के पथ पर...
भले सत्य की, कठिन डगर है...
बने सूर्य शीतल जलधारा...
राह के कंटक करें किनारा...
जेठ महीना लगे सावन है...
सत्य का अंत बड़ा पावन है....
राह कठिन तो क्या होता है,
अंत में झूठ करे क्रंदन है...
डगर सत्य की ही जीवन है...
डगर सत्य की ही जीवन है...
-रोली पाठक
गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...
ReplyDeletebilkul stya kaha aapne.roli pathak ji...
ReplyDeleteझूठ और सत्य को कहती सुन्दर रचना
ReplyDeleteसंजय जी, संगीता जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद.....
ReplyDeleteसत्यम शिवम् सुन्दरम.......
"........निःसन्देह सत्य पर चलना हमेशा से कठिन रहा है पर हकीकत में सच बोलने वाला सदा आनन्द में रहता है.....बहुत अच्छी कविता..."
ReplyDeleteअरे प्रणव जी ....आप ...!!!!! कहाँ गायब हैं...???
ReplyDeletesatya ki hi aakhir jeet hoti hai...jai ho
ReplyDeleteAnand Rathore ji...Thank you...
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