जागो भारत जागो.....
एक जंग है, है एक समर,
चल पड़ी क्रांति की लहर,
गाँव-गाँव और नगर-नगर
बह रही चेतना की बयार..
अब जो ना जागे तो कब जागोगे....................!!!
एक युग के तम के बाद ,
उम्मीद उसने जगाई है,
मुर्दों की इस बस्ती में इक,
चिंगारी भड़काई है..
अब जो ना जागे तो कब जागोगे.....................!!!
देह भले ही हो दुर्बल,
फौलाद से उसके इरादे हैं,
औरों से और खुद से भी,
किये उसने कुछ वादे हैं,
भ्रष्टाचार के दानव का,
अंत करने की शपथ उठाई है,
अन्ना नाम की भारत में,
चल रही आज पुरवाई है...
अब जो ना जागे तो कब जागोगे.....................!!!
अब जो ना जागे तो कब जागोगे.....................!!!
-रोली...
चल पड़ी क्रांति की लहर,
गाँव-गाँव और नगर-नगर
बह रही चेतना की बयार..
अब जो ना जागे तो कब जागोगे....................!!!
एक युग के तम के बाद ,
उम्मीद उसने जगाई है,
मुर्दों की इस बस्ती में इक,
चिंगारी भड़काई है..
अब जो ना जागे तो कब जागोगे.....................!!!
देह भले ही हो दुर्बल,
फौलाद से उसके इरादे हैं,
औरों से और खुद से भी,
किये उसने कुछ वादे हैं,
भ्रष्टाचार के दानव का,
अंत करने की शपथ उठाई है,
अन्ना नाम की भारत में,
चल रही आज पुरवाई है...
अब जो ना जागे तो कब जागोगे.....................!!!
अब जो ना जागे तो कब जागोगे.....................!!!
-रोली...
बेहतरीन आह्वान्।
ReplyDeleteसटीक आह्वान ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसटीक प्रस्तुति
ReplyDeleteSangeeta ji, Vandana ji, Sanjay ji....
ReplyDeleteThank you all.....