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Showing posts from July, 2017

आतंक का कोई धर्म नहीं होता

अमरनाथ यात्रा पर कल रात हमला हुआ, 7 लोग मारे गए जिनमे 5 महिलायें थीं । खबर पाते ही राजनेता सक्रीय हो गए । ट्वीट होने लगे । कट्टरपंथी हिन्दू भड़काऊ बयानबाज़ी करने लगे । सबकी नज़रों में यह हमला हिन्दू धार्मिक यात्रा पर हुआ था और इसकी ज़िम्मेदार पूरी मुसलमान कौम है । कुछ ज़्यादा पढ़े लिखे लोगों ने कहा कि हज यात्रा जब तक आराम से व सुरक्षा से होती रहेगी, हिंदुओं की तीर्थ यात्रा में रोड़े आते रहेंगे । मन खिन्न हो गया । लगा कि क्यों नहीं बंटवारे के समय ही ये बंटवारा हो गया था कि तुम अपने मुल्क में, हम अपने देश में । क्यों लोग अपनी मिट्टी की चाहत में यहाँ और वहाँ रह गए । जब जनता प्रेम से रहने लगती है तब ये स्वार्थी नेता क्यों पेट्रोल डाल डाल कर अग्नि की ज्वाला को खूब भड़काने लगते हैं ! पढ़े लिखे लोग ये भूल जाते हैं कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता । ये वो सिरफिरे हैं जिन्हें बचपन से कट्टरता की घुट्टी पिलाई है, अल्लाह को खुश करने के लिए खुद को बम बना कर खून-ख़राबा कर के जन्नत नसीब होने का सपना दिखाया है । वो ये भूल जाते हैं कि अगर इनका कोई धर्म होता तो क्या ये अपनी कौम के लोगों को भी मारते ? पाकिस्

बबूल के फ़ूल

बबूल कहते ही काँटों की व्यथा सुनाई देती है नहीं सोचता कोई उसके तीखे काँटों के सिवा कुछ और देखे हैं मैंने लेकिन आषाढ़ की बयार में झूमती इतराती शाखों पर खिले इठलाते रुई के फाहे से पीले बबूल के फ़ूल । - रोली