Posts

Showing posts from December, 2020

फ़र्क

पीरियड्स का दूसरा दिन था, नेहा सुबह से भुनभुना रही थी -  "कोई चीज़ जगह पर नहीं है, कहीं जूते पड़े हैं कहीं मोजे, कहीं कपड़े बिखरे हुए हैं, घर बिल्कुल कबाड़खाना बना रखा है।" नेहा की बड़ी बेटी आर्या ने छोटी बहन पूर्वा को देखा और मुस्कुरा दी। इतने में काम वाली बाई आ गई। "कमला, ये कोई टाइम है आने का..!!! आजकल रोज लेट आ रही हो, काम-वाम करना है या नहीं..!!" कमला बिना जवाब दिए चुपचाप डस्टिंग का कपड़ा उठा कर सफाई में जुट गई। नेहा फिर भी भुनभुनाती रही। आर्या ने चाय बनाई और नेहा के पास आ कर प्यार से बोली - "मम्मा, मूड स्विंग न..!"  "हाँ बच्चा, सेकंड डे है न, बस इसीलिए।" चाय पी के कुछ देर आराम कर के नेहा फिर सामान्य हो गयी। "कमला, कहाँ हो !! ऊपर पूजा वाले कमरे में अच्छे से झाड़ू-पोंछा कर लेना।" "दीदी, तीन दिन बाद कर दूँगी। अभी नहीं कर सकती।" नेहा चुप हो गई। एकदम चुप। - रोली पाठक