Posts

Showing posts from April, 2013

अंधा क़ानून

Image
छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ होने वाले बलात्कार के आंकड़े मन से विश्वास उठाते हैं ।  आज कोई रिश्ता-नाता विश्वसनीय नहीं रह गया ।  हर रोज़ अखबार देश के किसी कोने में एक मासूम की अस्मत तार-तार होने की खबर ले कर आता है ।  कभी बच्ची मौत से संघर्ष करती रहती है, कभी उस दरिंदे की हवस के बाद मौत के घाट उतार दी जाती है ।  समाज का नैतिक पतन चरम सीमा पर है ।  मन आहत हो उठता है उस बच्ची की दुर्दशा की कल्पना मात्र से । जिसके दिन गुड़िया-गुड्डे से खेलने के हैं उसके साथ ऐसी वहशियाना हरकत !!!!! छोटी मासूम बच्चियों पर इस तरह का वीभत्स अमानवीय ज़ुल्म करने वाले निश्चित तौर पर इंसान नहीं हो सकते ।  खबर ये भी होती है कि त्वरित न्याय प्रणाली के अंतर्गत अपराधी को फलां न्यायालय ने मृत्यु-दंड की सज़ा सुनाई, किन्तु आज तक ऐसे मामलों में कितनी गर्दन फाँसी के तख्ते तक पहुंची ??? एक भी नहीं , क्योंकि  जिस अदालत के फैसले की हम सराहना करके उसे भूल जाते हैं, उसके ऊपर कई अपील कोर्ट्स हैं ।  इस पंगु न्याय प्रणाली को सुधार की सख्त आवश्यकता है ।  कब न्याय की देवी की आँखों की पट्टी हटेगी ??? कब तक गुनाहगार साक्

बचपन

Image
बेदर्द वक्त के पंख जो कट जाएँ हमारे रास्ते ना वो कभी आये करें हम जब जी चाहे, मनमानी कभी बचपन को अपने जी आयें कभी सोलहवें वसंत को छू आयें............. :) - रोली

माज़ी

Image
कौन है इस जहां में जिसका कोई माज़ी नहीं ये बात और है लोग बीते कल को भुला देते हैं वो कम होते हैं जो गुजरी यादों से लिपट कर ताउम्र उनके दर्द में जीने का मज़ा लेते हैं....... अश्कों से लिपटे हुए वो उसके सर्द अहसास अब भी अलाव की लौ सा जलाते रहते हैं ...... उसके साथ गुज़ारे मेरे वो हसींन  लम्हें हर वक़्त साथ जीने का सा मज़ा देते हैं ......... कैसे हैं लोग इस दुनिया में और इक तू भी, जो खुद से खुद का ही दामन छुड़ा लेते हैं ....... एक हम हैं जो अश्कों के लावे में खुद को डुबो कर, हर रोज़ तेरी यादों को दिल में पनाह देते हैं ........... - रोली
======================== दोहराए वक्त ने फिर वही फ़साने जिन्हें बामुश्किल भुलाने लगे थे... बुझती नहीं ये तिश्नगी-ए-उल्फत उबरने में जिससे ज़माने लगे थे... - रोली ========================
Image
ख़ामोशी से जो इश्क का इज़हार हो जाये दिल ना टूटे किसी का और प्यार हो जाये - रोली
Image
अब्र के अश्कों में तुम यूँ ना नहाओ उसके विरह का उल्लास यूँ ना मनाओ ना जाने क्या दर्द छुपा है उसने सीने में गमज़दा है वो उसे और ना यूँ तड़पाओ..... - रोली
क्यूँ कर हम अपने ज़ख्म ज़माने को दिखाएँ मुँह फेर के हँसने के सिवा उसने क्या किया !!!! - रोली
Image
सूर्यदेव के तीखे तेवर चैत्र माह की किरणों पर नववर्ष आ रहा हमारा रंग दिख रहा धरा पर....  - रोली
तेरा महज ख़याल ही मेरा तन-मन महका जाये क्या हो गर सामने मुझको तू रु-ब-रु मिल जाये  :) - रोली
Image
क्यूँ कर गैरों की बातें उन्हें हिचकियाँ दिलाएं जब कि हमारे अपने भी यहाँ कहाँ कम हैं ..... - रोली
कुछ इस तरह उल्फत में वो मेहरबान हो जायें उनकी आँख का हर आँसू.... मेरे नाम हो जाये गैरों को भी पुकारें जब, वो अपनी ज़ुबान से मेरा ही नाम आये बाकी........तमाम हो जायें - रोली