Posts

Showing posts from September, 2012

सीलन....

कतरे-कतरे धूप के समेट कर मुट्ठी में, तेरी यादों की सीलन को, दिखाना है मुझे... अश्कों की बारिश से, उभर आई है जो, दिल की दीवारों पर... उसे अब वक्त के रहते, हटाना है मुझे..... यादों के उन धब्बों को, खुरच-खुरच कर , मिटाना है मुझे...... - रोली ...
Image
        ॥ ॐ श्री गणेशाय नम:॥ वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥ ब्लॉग के सभी प्रिय व् आदरणीय सदस्यों व् मित्रों को "गणेश-चतुर्थी" की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें । 

हम-तुम ...पूरक हैं

Image
हिंदी....... एक दिन गया, एक रात गयी, तुम ये ना समझना, बात गयी.... अब भूल जायेंगे हम तुम्हें तुम तो बसी ह्रदय में .... बच्चे की तुतलाहट में, माँ की झुंझलाहट में, पिता के प्यार में, दादी के दुलार में, विद्यालय की पढ़ाई में, बहन की लड़ाई में...... प्रेमिका की मनुहार में, प्रेमी से तकरार में.... मनमोहन के मौन में :) और मोबाइल की रिंगटोन में :) मेरे सपनो में... मेरे अपनों में... बस तुम ही तुम हो....तुम ही तुम हो.... - रोली...
Image
निराशा की जगह संभावनाएं तलाशें ********************************** किसी भी देश की प्रगति व् एकता के लिए एक राष्ट्रभाषा का होना आवश्यक है, जिसमे राजकार्य हो, बहुसंख्यक लोग एक-दूसरे से बातचीत में जिसका इस्तेमाल करें | हिन्दी हमारे देश भारत में राज-काज की भाषा है | आज हमारी इस राष्ट्रभाषा की प्रतिद्वंदी भाषा है - अंग्रेजी | सरकारी कामकाज भले ही हिंदी में करने का व् होने का दम भरा जाता हो, किन्तु ऐसा होता नहीं है | पढाई का स्तर भी माध्यम से ही आँका जाता है, यदि बच्चा अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ रहा है तो उच्च स्तर अन्यथा निम्न | अभिभावक भी मजबूर हैं, देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से व् ना केवल विदेशों में बल्कि अपने ही देश में अंग्रेजी भाषा का स्तरीय ज्ञान आवश्यक हो गया है | किसी भी विदेशी ज्ञान का होना निंदनीय नहीं बल्कि यह तो अच्छी बात है किन्तु उस भाषा का गुलाम होना अनुचित है | वर्तमान में यह स्थिति है कि लोगों की हिंदी बोलचाल तक ही सीमित रह जाती है, यदि लिखना भी पड़े तो उसका स्तर बहुत ही निम्न होता है, वहीँ उनका अंग्रेजी भाषा का ज्ञान उच्च कोटि का होता है | अपने ही दे

मसखरा प्रेम....

Image
पूछती हूँ मै तुमसे - कब रेत में रगींन  फूल खिलेंगे ..!!! कहते हो तुम  - जब पानी में हम-तुम  मिलके शब्द लिखेंगे ... सोचती हूँ कब सितारे टूट कर आँचल में गिरेंगे ..!!! कह देते हो - चाँद-सूरज जब कभी फलक पर मिलेंगे ... पूछती हूँ - क्या बादल बरसेंगे जेठ महीने में......!!! कहते हो तुम - पूस में इस बार रगीं टेसू खिलेंगे .... कहती हूँ मै - देखना है इंद्रधनुष को छत पर उतरा ... हँसते  हो तुम- देख लेना अपनी चूनर को छत पर बिखरा ... नाराज़ हूँ मै - कुछ भी कहते हो , ये भी कोई बात हुई .....!!! खिलखिला उठते हो तुम - "प्रेम में है..हर बात सही ...हर बात सही।" - रोली ..

तन्हाई

Image
उसका ज़िक्र जो हम, हर रोज किया करते हैं इस बहाने उसमे हम, खुद को जिया करते हैं उसकी बातें वो मुलाकातें और वो यादें प्यारी यूँ मिला कर ज़हर, अमृत में पिया करते हैं वो दरख़्त, जहाँ दस्तखत आज भी हैं दोनों के देख कर उनको, ज़ख्मे-ए-दिल सिया करते हैं तेरी पायल के टूटे घुंघरू, उठाये थे जो चुपके से अब भी सन्नाटे में वो,  छम  से बजा  करते हैं गैर हो तुम, अब ना रहा हक़  तुम पर मेरा लेकिन इंतज़ार तेरे आने का रोज किया करते हैं ना डर  इतना , मुझे भी फिक्र है ज़माने की, खुद रुसवा हो के भी तेरी पर्दानशीनी का ख़याल किया करते हैं......... - रोली ...
Image
साहिल पे रह कर तिश्नगी सहरा में रह के खुश थे हम...... अश्कों से होती नहीं तकलीफ़ हमें खुश हैं अब हम सह के गम........ - रोली
मिजाज़-ए-मौसम भी मिजाज़-ए-हुस्न से कुछ कम नहीं , कि आज पल-पल करवटें बदल रहा है ये..... अभी खिली थी तीखी धूप यहाँ, और अब बरसने को मचल रहा है ये....... - रोली
Image
हसरतें लाख दिल को लुभाया करें ज़ेहन में हकीकत बनी रहती है.... क्या करें कि हमेशा इन दोनों में इसीलिए तो ठनी रहती है ... - रोली
दर्द-ए-दिल जां निकल जाने की हद तक हम सहते हैं.... अश्कों के कतरे दिल से निकल कर तब आँखों से बहते हैं.... यूँ तो बहुत रोका करते हैं अपने इन अश्कों को पलकों पर, क्या करूँ मै कि ये भी हैं बड़े बेवफा तेरी तरह, मेरा अफसाना सरेआम बयां करते हैं...... - रोली
तेरे खत जलाना भी सजा कम ना थी इतना तो बिछड़ के भी रोये ना थे हम..... कतरा-कतरा आँसू मिटाते रहे लफ़्ज़ों को और न जाने कितनी रातें सोये नहीं हम....... - रोली
 वो वक़्त भी कितना कठिन और खराब होता है...  जब दुनिया करती है हर बात पर सवाल हमसे, हमारे पास ख़ामोशी के सिवा न कोई जवाब होता है दिल में दर्द लिए होते हैं कितने मजबूर हम , और चेहरे पर झूठी मुस्कराहट का नकाब होता है .... - रोली
ऐ सितमगर कब तलक ये सितम सहते रहें हम तुम करों गैरों से बातें और यूँ खामोश रहें हम..... - रोली
गर गमज़दा हो तो गम अपने सीने में रखना बहुत सी यादें दफ़न होंगी इस कब्रगाह में...... - रोली
Image
ना जाने आज मन क्यों अनमना सा है एक तिश्नगी सी है दिल गमज़दा सा है कहीं सहरा कहीं दरिया कहीं ख़याल बर्फ हैं हैं ये कैसे अहसास जो, सारे जुदा-जुदा से हैं - रोली
 इंतज़ार की इन्तेहाँ क्या होगी !!! तुम्हारे इंतज़ार में, मर कर भी मेरी पलकें खुली होंगी.......... - रोली..
 मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी न समझना बादलों जैसी मेरी फितरत नहीं गरजने की मै वक़्त हूँ ..............बेआवाज़ चलता हूँ गर बुरा हुआ तो मोहलत भी ना दूंगा संभलने की | - रोली..
कितने ही दर्द से हम हर रोज़ गुज़र जाते हैं, ज़िंदा रहते हैं और पल भर को मर जाते हैं आँसू भले ही कितनी भी बिगाड़ दें मेरी सूरत, किसी और के सामने इसे तुरंत संवार जाते हैं...... रखा है छुपा कर अपने हरेक ज़ख्म को दिल में , क्या करें कि हर टीस से ये फिर उभर आते हैं....... - रोली
सिलसिला कुछ यूं चल पड़ा है हमारे दरमियां कि बगैर गिले-शिकवे के उल्फत अधूरी लगती है। रूठने-मनाने का दस्तूर यूं ही चलता रहे कि यह बात इस रिश्ते में बहुत ज़रूरी लगती है।