बेसबब यूँ ही कभी ख़्वाबों में आ जाया करो मोहब्बत तुम भी तो कभी जताया करो हर बात तकरार पर हो ख़त्म,ज़रूरी तो नहीं, प्यार की उलझने और न बढाया करो तुम्हें तो मनाने में ही गुज़र जाता है मेरा वक़्त, रूठने पर तुम भी तो कभी, हमें मनाया करो.... -रोली....
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Showing posts from October, 2011
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जाड़े का मौसम आने को है... दे रहीं दस्तक गुलाबी सर्दियां... चाँदनी रातें हो चलीं लम्बी, छुपने लगा है सूरज जल्दी ही पर्वत तले, शोख गुलाब देखो, इतराने लगा डाल पर , दे रहीं दस्तक गुलाबी सर्दियां.... अलसाई धूप देर से आती है अब मुंडेर पर, गुनगुनी धूप लगने लगी, भली-भली सी, दे रही दस्तक गुलाबी सर्दियां.... चौके से आ रही महक, सरसों के साग की, माँ का अधबुना स्वेटर अब सलाइयों पर है, दे रही दस्तक गुलाबी सर्दियां..... -रोली
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चर्चे हमारे आजकल आम हो गए हैं हम मुफ्त में, बिन कुछ किये बदनाम हो गए हैं..... झूठे अफसाने बयाँ कर रहे हैं लोग सच,खुद को करने में हम, नाकाम हो गए हैं इक नज़र भर के देख लिया उनको जो हमने, उस दिन से वो बेहद परेशान हो गए हैं .. सोचीं ना थीं जो बातें, कभी हमने ख्वाबों में, मन में दबे-दबे से अब वो, अरमान हो गए हैं... अब जो गुज़रते हैं कभी सामने से वो, जान कर भी बिलकुल अनजान हो गए हैं... बर्दाश्त नहीं हो रही अब उनकी बेरुखी, अब तो वो मेरी मौत का, सामान हो गए हैं....