Posts

Showing posts from February, 2010

सबसे बड़ा रुपैया

फिर चरम पे है आई.पी.एल. यानि इंडियन प्रीमिअर लीग का खुमार! फिर हो चुकी शीर्ष स्तर के क्रिकेट खिलाडियों की नीलामी! बिक चुके ये चोटी के खिलाडी कहीं किसी उद्योगपति के हाथों तो कहीं किसी फिल्म सितारे के हाथों!एक बार फिर होंगे आई.पी.एल. के मैच!हर चौके-छक्के पे बार बालाओं की तरह संगीत की धुन पर थिरकती अर्धनग्न सुंदरियां, जिन्हें विरोध के बाद भूल-सुधार करते हुए ढंग के कपडे पहनाये जाने लगे हैं! क्रिकेट जैसे स्तरीय खेल का स्वरुप ही बिगाड़ दिया गया है!भारतीय टीम के चमकते सितारे जब आठ अलग-अलग टीमो में बँट जाते हैं तब मानो उनकी एकता भी छिन्न-भिन्न हो जाती है!पिछले आई.पी.एल. मैचों में उपजे विवाद के ज़ख्म आज भी नासूर की तरह हैं जिन्हें गाहे-बगाहे न्यूज़ चेनल वाले दिखा-दिखा के उन्हें हरा करते रहते हैं!हरभजन सिंग का चांटा आज भी उनके करीबी मित्र श्री संत को यादहोगा, सौरव गांगुली जैसे धीर-गंभीर खिलाडी के खिलाफ शेन वार्न के ज़हरीले बयान भुलाये नहीं जा सकते! ये कैसा टूर्नामेंट है, न खिलाड़ियों में खेल भावना है न एक दूसरे के प्रति सम्मान!पंजाब इलेवन की प्रीटी ज़िंटा युवराज सिंग को मैदान में गले लगा लगा
Image
मेरा जीवन एक तपोवन, व्यथित ह्रदय आहत अंतर्मन, मिथ्या लगते सारे बंधन, नयन में अश्रु ह्रदय में क्रंदन, मेरा जीवन एक तपोवन..... सावन भादों माघ औ फागुन पर मेरे जीवन के मानो, जेठ माह से सारे मौसम आयु है लम्बी और साँसें कम रेशम के कीड़े सा जीवन मेरा जीवन एक तपोवन........

सन्देश

मंत्री जी ने सन्देश दिया है.. जनता से एक वादा लिया है.. न खेलेंगे पानी से होली... न बरसाएंगे रंग... लगा के अबीर-गुलाल का टीका मनाएंगे होली जनता के संग... मंत्री जी ने सन्देश दिया है.. हम सबसे वादा लिया है... जल बिन नहीं है जीवन न करो इसे व्यर्थ, बचाओ इसकी हरेक बूँद हम सबसे वादा लिया है... न पियो मदिरा या भांग न करो नशा अपनों के संग.. ये डालता है त्यौहार के रंग में भंग... जनता मंत्री जी से इम्प्रेस हो गयी मतवालों कि टोली डिप्रेस हो गयी, वादा आखिर वादा है... होली का शुभ दिन आया जनता ने वादा निभाया.. अबीर-गुलाल ले जनता पहुंची मंत्री जी के द्वार.. मंत्री जी नदारद थे.. खबर मिली अपने फार्म हाउस पर लेकर पानी से भरे दो टेंकर मंत्री जी मना रहे हैं होली........ जनता आक्रोशित हुयी... अचानक मंत्री जी के घर में कुछ हलचल हुयी लाल बत्ती लगी गाड़ियों के सायरन लगे चीखने आक्रोशित जनता शांत हो उत्सुक हो गयी.. फिर खबर आई मंत्री जी के पुत्र ने नशे में गाडी से जनता के एक जन को कुचल दिया..... पुत्र भी घायल है... भीड़ में हलचल है .... आक्रोशित, शांत, उत्सुक जनता दुखी हो गयी........ एक अपने की मृत्यु से.. और ए

कफ़न

हर तरफ बर्फ की चादर बिछी हुई है.. बर्फ के पहाड़ों पर अठखेलियाँ करते हुए लोग बर्फ को देखने दूर दूर से आते लोग बर्फ जो कफ़न के रंग सी है बर्फ जो लोगों को लुभाती है सैलानियों को पागल बना देती है बर्फ की चादर पे फुदकते हुए बच्चे अपने वज़न से ज़्यादा कपड़े पहने हुए बर्फ को देखने धन-श्रम-वक़्त क्यूँ खर्च करते हैं... वो अक्सर सोचता है... वो है जो बर्फ को देखते ही सिहर जाता है.. उसका रोम-रोम अकड़ जाता है वो अक्सर सोचता है....... क्यों आता है ये प्राणघाती मौसम जब पीने का पानी भी बन जाता है बर्फ... हर तरफ बस सर्द हवा और बर्फ बर्फ बर्फ..... अरे ये भीड़ इकट्ठी क्यूँ है शायद कोई तमाशा है वहाँ ये तो वो है..... जो बर्फ देखते ही सिहर जाता था जिसके पास बर्फ से बचने के लिए एक चादर भी ना थी और बर्फ की चादर अब उसका कफ़न बन गयी....

सलोना...

बंदूकें गुड़िया गुड्डे मोटर उछल-उछल के नाचता बन्दर टूटे फूटे खिलौनों को कचरा समझ खिलौनों को भर कर एक झोले में कामवाली बाई के सलोनो को दे कर खुश है माँ और छोटा बेटा, माँ घर की सफाई से बेटा नए खिलौनों के वादे से बाई भी खुश है अपने सलोने की मुस्कान सोच कर... रात को बेटा खेल रहा है लिओ टौयेस और फन स्कूल से माँ नए रंगीन महंगे खिलौनों को सजा रही है कमरे में उधर बाई के घर में भी गूँज रही है किलकारी टूटी हुई गुडिया भी लग रही है उसे सबसे प्यारी बन्दर की एक आँख नहीं है मोटर है जो चलती नहीं बन्दूक जो बस बन्दूक ही है इन टूटे फूटे खिलौनों को सजा रहा है सलोना किसी के घर के कचरे से महक रहा है इस घर का कोना कोना........