Posts

Showing posts from December, 2013
Image
"सुबहें" सर्द और ये खामोशी "दिन" में है दर्द और मायूसी "शामें" भी तनहा-तनहा सी "रात" में यादों की मदहोशी । - रोली

ये बरस भी चुक गया...

Image
ये बरस भी चुक गया स्मृतियों को सहेज, दर्द से लबरेज़ गया... कुछ दिन मीठे कुछ खट्टे से, कुछ कतरे वादों के कुछ धागे यादों के, पाती में भेज गया ये बरस भी चुक गया... स्वप्न दिखाए अश्रु भी लाये और कुछ मुस्कुराहटें आँचल में सहेज गया ये बरस भी चुक गया... - रोली

मै !

Image
अब ढूँढना है खुद को ज़र्रे-ज़र्रे में.............. अंधकार में यादों में कसमो में वादों में लफ्ज़ों में इरादों में सवालों में जवाबों में नींदों में ख्वाबों में नफरत में चाहतों में तेरी आँखों में तेरी पनाहों में कहीं तो मिलूंगी खुद को मै ! खुद से बिछड़ी हुयी - मै ! - रोली