एक था कालू !

कालू से मेरा परिचय लगभग आठ साल पहले हुआ था, उसकी एक आँख बुरी तरह ज़ख़्मी थी तब मेरे सामने रहने वाली डॉग लवर टिक्कू ने उसकी आँख का ऑपरेशन कराया और उसकी वह आँख लगभग बंद हो गई थी, अब वह एक आँख से दुनिया देखता था | निहायत ही शरीफ और सीधा-सादा, काले व कहीं कहीं सफ़ेद रंग के बालों वाला कालू कुछ लोगों का बड़ा दुलारा था | मेरे पास सफ़ेद पॉमेरियन है तो मेरे घर के सदस्यों को कालू से भी विशेष स्नेह था | वह पिछले चार सालों से रात का खाना नियम से हमारे घर ही खाता, कभी वो नहीं आता तो उसकी ढुंढाई मच जाती | कभी उसे दूसरे कुत्ते काट लेते तो हम इलाज कराते, दूध में दवाई पीस-पीस कर उसे खिलाई जाती, घाव पर दवा लगाते, एक हफ्ते में वो फिर से भला चंगा हो जाता | एक साल पहले उसे कैंसर हो गया था तब कैम्पस के एक परिवार ने उसका इलाज कराया, कीमो थैरेपी हुई और एक महीने बाद कालू फिर स्वस्थ हो गया | हम कभी रात को कहीं से लौटने में लेट हो जाते तो कॉलोनी के गेट से कालू हमारी गाड़ी का हॉर्न पहचान कर पीछे पीछे भागता आता और हम सबसे पहले उसे खाना देते | हमारे डॉग हैप्पी से उसकी खासी दोस्ती थी | रात का खाना दोनों के लिए अलग बनता और...