पैर सिकोड़े,मोड़े हाथ
सर्दियों में कोई नवजात
धूप में लेटाने पर
जैसे लेता खुल कर अंगड़ाई है
वैसे ही हफ्तों बाद
आज धूप आई है...

पौधे जो खूब ऊब चुके थे
बारिश में पूरा डूब चुके थे
सुरमई मेघों के छंटने से
सूरज के खुल कर हंसने से
दे रहे खुश दिखाई हैं
क्योंकि हफ्तों बाद
आज धूप आयी है...

मुंडेरों पर कपड़े सूख रहे
दरवाज़े खिड़की खुल गए
कमरे की सीलन सिमट रही
हो रही घरों में सफाई है
क्योंकि हफ्तों बाद आज धूप आई है...

गद्दे भी थे गीले-गीले
बिस्तर भी थे सीले-सीले
बारिश के निशां दीवारों पर
धब्बे जैसे काले-पीले
सूरज की गर्मी से सबने
 अब कुछ राहत पायी है
क्योंकि हफ्तों बाद
आज धूप आई है...

- रोली

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