चाँद से भले हो जाये अनबन रात को तुम्हारी, बस उसकी चाँदनी को तुम नाराज़ ना करना...... हमसे खफा हो भी जाओ तो कोई बात नहीं, खुद से वाबस्ता ख़्वाबों को हमसे जुदा न करना...... -रोली
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एक मासूम से सपने को आज जलते देखा उसके हर इक अरमान को पिघलते देखा कभी मुट्ठी में चाँद-सितारे रखा करती थी वो, आज उसे खुले आसमान तले पलते देखा जानती थी मै ये दुनिया बड़ी ही संगदिल है, इस बार तो हरेक रिश्ते को बदलते देखा कहते हैं तेरे दर पे सिर्फ देर है, अंधेर नहीं फिर क्यों अपनों को ही उसे, निगलते देखा........ -रोली