मित्रों... नमस्कार, ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते पर्यटन का कार्यक्रम बन गया...अपने शहर भोपाल से हम दिल्ली पहुंचे और वहां से रात को बस का सफ़र करके पहुंचे धर्मशाला...देवभूमि हिमाचल का प्राकृतिक सौन्दर्य दर्शनीय है, धर्मशाला से कोई १० कि .मी. ऊपर एक क़स्बा है मकलोडगंज,यहाँ हम भागसूनाग में रुके थे, होटल की छत से द्रश्य बेहद मनोरम था, चारों ओर पर्वत, हरी-हरी वादियाँ, देवदार के ऊंचे-ऊंचे वृक्षों से ढंकी पर्वत श्रंखलायें,पहाड़ की चोटियों पर रुई के फाहे सी बर्फ एवं उन पर अठखेलियाँ करते बादल... अत्यंत सुन्दर द्रश्य प्रस्तुत कर रहे थे! यहाँ का बौद्ध मठ दर्शनीय है, छोटे-छोटे चपटे चेहरे वाले खुबसूरत से लामा बच्चे व बड़े-बुज़ुर्ग चेहरे पर तेज लिए हर जगह घूमते मिल जायेंगे! यहाँ दलाई-लामा का निवास स्थान भी है, ठीक बौद्ध मठ के सामने, बुद्ध पूर्णिमा के दिन उनके दर्शन भी हुए, तिब्बत के काफी लोग मकलोडगंज में रहते हैं, दलाई लामा को भी तिब्बत से चीन द्वारा निर्वासित किये लगभग ५० वर्ष हो चुके हैं, बौद्ध मठ के बाहर भारत के प्रति आभार प्रदर्शन स्वरुप बड़ा सा बोर्ड लगा है- "धन्यवाद भारत", यहाँ अनेक ...