झूठ फरेब और असली-नकली
इस पर ही दुनिया कायम है
रिश्वत खोरी, काला-बाजारी,
चारों ओर यही आलम है,
सत्य के पथ से आते हैं जो,
भ्रष्ट भला वो क्यों हो जाते,
कुछ ही दूर, सफ़र में अपने,
सारे सिद्धांत हैं भूल जाते...
आरंभ करते जो अपनी यात्रा,
मन में गांधी को बसा कर,
ज्यों-ज्यों कारवां बढ़ता जाता,
टू-जी,सी.डब्ल्यू.जी. एवं
आदर्श घोटाले में जा समाते.....
भूल के अपनी सूती धोती,
रेशमी वस्त्र में लिपट क्यों जाते....
पहले जनता के साथ खड़े थे,
अब क्यों एसी में बैठ बतियाते.....
अजब-गज़ब है मनः स्थिति हमारी,
किस पर करें हम विश्वास ,
आज दिया है वोट जिसे,
कल वही तोड़ेगा हमारी आस....
कलयुग है यह,छोड़ दो लोगों,
आएगा "
कलकी" लेकर अवतार,
हमें ख़ुद ही उठानी होगी,
अपनी दोधारी तलवार....
सोने की चिड़िया के लिए,
एक बार फिर देदो जान...
सिर्फ कहने से नहीं बनेगा....
- मेरा भारत महान...मेरा भारत महान.....

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

जननि का महत्व

पापा

भीगी यादें