चिट्ठी ना कोई संदेश.…
वर्ष 2023 दिन 9 अक्टूबर, एक वर्ष पूर्व, आज ही का दिन । पापा गट हॉस्पिटल में आईसीयू में हैं, डॉक्टर गोपेश मोदी जी ने हम तीनों भाई-बहन को बुलाया और कहा - अब सिर्फ़ वेंटिलेटर ही चल रहा है । जैसे ही बाबूजी को वेंटिलेटर से हटायेंगे, वो जीवित नहीं रह पायेंगे । मैं रो पड़ी। सब व्यथित हो उठे, एक उम्मीद थी कि पापा को एक बार तो अच्छा कर के घर ले जाना है लेकिन वह टूटती नज़र आ रही थी। हर संभावना पे विचार किया। डॉक्टर बोले - आप लोग सब कुछ कर चुके हैं और हम लोग भी ।आप सभी के जज़्बे की मैं बहुत कद्र करता हूँ लेकिन हम सभी मजबूर हैं ईश्वर के इस निर्णय के आगे ।हम सभी घरवाले बेहद उदास थे, मम्मी परेशान थीं, निःशब्द थीं। यह रात बहुत भयावह थी क्योंकि डॉक्टर एवं हम सबने पापा के जाने का दिन तय कर दिया था ।एक उम्मीद थी कि क्या पता वेंटिलेटर हटाने के बाद भी वे अपनी मौत से लड़ कर हमारे साथ रह जायें कुछ दिन । लेकिन यह एक झूठ था ख़ुद को बहलाने के लिए । नाना की प्यारी नातिनें आंसू भर-भर रो रही थीं क्योंकि अब हम सब समझ चुके थे कि पापा का अंत निकट है । अगले दिन 10अक्टूबर को सुबह 7 बजे हम तीनों भाई-बहन ...
एहसासों को महसूसते खूबसूरत रचना
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है आपने.
ReplyDeleteसादर
bhut khubsurat ehsaaso se bhari rachna... happy mothers day...
ReplyDeleteShukriya Sangeeta ji...Yashwant ji aur Sushma ji...
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी कविता.
ReplyDeleteसादर
आभार यशवंत जी......
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