मेरा जीवन
एक तपोवन,
व्यथित ह्रदय
आहत अंतर्मन,
मिथ्या लगते
सारे बंधन,
नयन में अश्रु
ह्रदय में क्रंदन,
मेरा जीवन
एक तपोवन.....
सावन भादों
माघ औ फागुन
पर मेरे जीवन के मानो,
जेठ माह से
सारे मौसम
आयु है लम्बी
और साँसें कम
रेशम के कीड़े
सा जीवन
मेरा जीवन एक तपोवन........
"कम शब्दों में सुन्दर भावाभिव्यक्ति और हैप्पी होली......."
ReplyDeleteप्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com