पतझड़......

सूनसान सड़क पर लाशें सूखे भूरे पत्तों की, डाल से विलग निर्जीव-निष्प्राण, हवा के बहाव संग उड़ते-बिखरते हुए , ज़िन्दगी का फलसफा समझाते हुए कि - जब तक जीवन है, जियोगे तुम, फिर हमारी तरह ही, तुम्हारा भी आ जायेगा पतझड़ एक दिन......... -रोली.....