तेरी आँखों के पानी को,
अपनी पलकों में उतार लूँ ,
ज़िन्दगी की हर ख़ुशी
तुझपे वार दूँ ,
मेरे अश्कों से गर
धुलती हैं गलतियां मेरी,
तो लगा कर झड़ी तेरे आँगन में,
इक सावन उतार दूँ ............
-रोली...
अपनी पलकों में उतार लूँ ,
ज़िन्दगी की हर ख़ुशी
तुझपे वार दूँ ,
मेरे अश्कों से गर
धुलती हैं गलतियां मेरी,
तो लगा कर झड़ी तेरे आँगन में,
इक सावन उतार दूँ ............
-रोली...
वाह बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति , बधाई.
ReplyDeleteवंदना जी, शुक्ल जी......बहुत बहुत धन्यवाद..
ReplyDeleteBahut Khoob...
ReplyDeletebhaut hi sundar...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार.....आप सभी मित्रों का..
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