जननि का महत्व
सदियां ही नहीं युग बीत गए यह कहते हुए कि समाज पुरुष प्रधान है | कई लोग इस बात पर आपत्ति करते हैं कि काहे का पुरुष प्रधान समाज ! आज की नारी बराबरी की हक़दार है हर क्षेत्र में | मैंने भी यह महसूस किया कि कौन सा क्षेत्र अछूता रह गया नारी से जो यह सोचना पड़ा ! इन दिनों भगवान श्री राम की लहर देश भर में चल रही है | सभी राममय हैं | मेरे मन में यूँ ही विचार कौंधा कि माता सीता की माता कौन हैं ये कौन कौन जानता होगा बिना गूगल किये | जनक दुलारी को सब जानते हैं किन्तु जननि को बहुत कम लोग | उनका नाम है - सुनयना, किन्तु अधिकतर लोग उनका नाम नहीं जानते | मुझे याद आया कि मेरी बेटी जब पुणे यूनिवर्सिटी में थी तब उसकी मार्कशीट पे सिर्फ उसका नाम व् माता का नाम अर्थात मेरा नाम आता था क्यों वहाँ माता का नाम ही प्रथम आता है | मै बहुत प्रसन्न हुई थी कि कहीं तो माँ को यह अवसर मिला | कहने का तात्पर्य यह है कि माँ आज भी लुकी-छुपी-दबी है और पिता सर्वोपरि हैं, जबकि दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, एक दूसरे के पूरक हैं | बस, यही आशा एवं विश्वास है कि बेटी जनक दुलारी के साथ सुनयना दुलारी भी कहलाई जाये | - रोली पाठक
जीवन का कटु सत्य है....
ReplyDeleteजी सुषमा जी.............
Deleteमृत्यु |
Ek bahut badi sachaai...Very Nice
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