मेरे आँसू अब कम आते हैं,
संघर्ष करना सीख गई हूँ मै...
सबको बाँटी खुशियाँ हज़ार,
पर अब खुद के लिए भी,
मुस्कुराना सीख गयी हूँ मै.....
सदियों से जीवन देती आई,
अब, खुद के लिए भी जीना,
सीख गयी हूँ मै...........
-रोली...



 मेरी सभी महिला मित्रों को
"अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएँ ...

Comments

  1. बहुत बढ़िया रचना
    आपका साझा ब्लॉग 'एक प्रयास "बेटियां बचाने का" में एक रचना कर के रूप में भी स्वागत है जिसके लिए आमंत्रण आपके इ मेल पर भेजा जा रहा है
    http://ekprayasbetiyanbachaneka.blogspot.com/

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