हर फूल को हार बना कर तन से लिपटाया नहीं जाता,
कुछ फूल होते हैं नमन करने को वीरों की समाधि के.......
- रोली....
कुछ फूल होते हैं नमन करने को वीरों की समाधि के.......
- रोली....
वो भावनाएं जो अभिव्यक्त नहीं हो पातीं वो शब्द जो ज़ुबाँ पे आने से कतराते हैं इन्द्रधनुष के वो रंग जो कैनवास पर तो उतर जाते हैं पर दिल में नहीं...वो विचार जो मस्तिष्क में उथल-पुथल मचाते हैं पर बाहर नहीं आ पाते... उन्हीं को अपनी रौशनाई में ढाल कर आवाज़ दी है शब्द दिए हैं...और इस ब्लॉग पर बिखेरा है..बस एक प्रयास है...कोशिश है..... मेरी ये.....आवाज़
Bahut Khoob...
ReplyDeleteThank you so much....and plz tell me ur name...!
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