कितने ही दर्द से हम हर रोज़ गुज़र जाते हैं,
ज़िंदा रहते हैं और पल भर को मर जाते हैं
आँसू भले ही कितनी भी बिगाड़ दें मेरी सूरत,
किसी और के सामने इसे तुरंत संवार जाते हैं......
रखा है छुपा कर अपने हरेक ज़ख्म को दिल में ,
क्या करें कि हर टीस से ये फिर उभर आते हैं.......
- रोली
ज़िंदा रहते हैं और पल भर को मर जाते हैं
आँसू भले ही कितनी भी बिगाड़ दें मेरी सूरत,
किसी और के सामने इसे तुरंत संवार जाते हैं......
रखा है छुपा कर अपने हरेक ज़ख्म को दिल में ,
क्या करें कि हर टीस से ये फिर उभर आते हैं.......
- रोली
Dard..Ansoo..yah toh zindgi ka ek bada hissa hai..Beautiful
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